मकर संक्रांति क्या है, हिंदी में पढ़िए | Makar Sankranti Kya Hai, Hindi me Padhiye

हिंदी में पढ़िए की मकर संक्रांति का त्यौहार क्या है और क्यों मनाया जाता है |

मकर संक्रांति क्या है, हिंदी में पढ़िए | Makar Sankranti Kya Hai, Hindi me Padhiye

मकर संक्रांति क्या है

मकर संक्रांति क्या है

जब सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण में प्रवेश करता है संक्रांति कहते है। यानी की सूर्य दिशा पृथ्वी की मकर रेखा के उपर होती है। यह दिन जनवरी की १४ या १५ तारीख को आता है।

मकर संक्रांति क्यों मानते है

वैसे तो मकर संक्रांति पृथ्वी की दिशा बदलने को ही कहते हैं लेकिन इसी समय जमीन सबसे ज्यादा उपजाऊ होती है और अलग-अलग प्रकार की फसलें बोई जाती है। चारों तरफ खुशहाली का माहौल रहता है इसलिए इसे फसलों का त्योहार भी कहा जाता है।

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मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती है

भारत में मकर संक्रांति अलग-अलग तरह से और अलग-अलग नामों से मनाई जाती है। इसे दक्षिण में पोंगल के नाम से, उत्तर में लेहढी के नाम से, और विभिन्न जगहों पर उत्तरायण, माघी और खिचड़ी के नामों से मनाते हैं।

इतने विविध नामों से और जगहों पर मनाई जाने के बाद भी यह एक ही चीज का प्रतीक है - खुशहाली और समृद्धि का।

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गुजरात और राजस्थान में यह उत्तरायण के नाम से भी प्रसिद्ध है। गुजरात के कच्छ में इस दिन पतंग उड़ाने का भव्य कार्यक्रम होता है. राजस्थान में भी इस त्यौहार को बहुत उल्लास से मनाया जाता है। इस दिन खिचड़ी बनाकर सूर्य भगवान को भोग लगाते हैं और गोबर के गोले से तरह तरह के चिन्ह बनाए जाते हैं।

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पंजाब और हरियाणा मैं इसे लोहड़ी कहते हैं तथा लोग इस दिन मिलजुल कर खुशियां मनाते हैं। आंध्र प्रदेश में यह त्यौहार बिहू के नाम से प्रसिद्ध है और वहां इसे ३ दिन तक मनाया जाता है।

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मकर संक्रांति के दिन स्नान का भी बहुत महत्व है। लोग गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी में डुबकी लगाकर अपने पापों को धोते हैं। इसीलिए इसी समय उत्तर में कुंभ के मेले की भी शुरुआत होती है और दक्षिण में सबरीमाला का भी अंतिम दिन मनाया जाता है।

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और बहुत सारी जगहों पर तिल और गुड़ के लड्डू या पापड़ बनाकर बाटे जाते हैं।